हाइलाइट्स
- ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच पर किया पटेल के नाम का ऐलान
- पटेल एफबीआई के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे
- भारतीय मूल के अमेरिकी हैं पटेल, पहले भी चर्चा में रहे हैं
डोनाल्ड ने काश पटेल को ‘अमेरिका फर्स्ट’ योद्धा बताते हुए उनके रूस होक्स की जांच में रोल की सराहना की है। ट्रंप ने कहा कि पटेल ने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है। ट्रंप ने पटेल को बढ़ते अपराध, आपराधिक गिरोहों और सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी जैसे मुद्दों को संबोधित करने का काम सौंपा है। वे अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी के अधीन काम करेंगे।
काश पटेल को राम मंदिर पर बयान से मिली थी चर्चा
काश पटेल की नियुक्ति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे अमेरिका में कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पटेल की नियुक्ति इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 44 साल के पटेल ने 2017 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अंतिम कुछ हफ्तों में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ के रूप में भी काम किया था।
न्यूयॉर्क में जन्मे पटेल का नाता गुजरात से है। उनकी मां पूर्वी अफ्रीका के देश तंजानिया से और पिता युगांडा से कनाडा और फिर अमेरिका पहुचे थे। वे 1970 में कनाडा से अमेरिका आए थे। कानून की पढ़ाई करने वाले पटेल ने एक इंटरव्यू में खुद अपनी गुजराती पहचान पर गर्व के साथ बात की थी। उन्होंने कहा था कि वह गुजरात मूल से आते हैं।
काश पटेल ने अयोध्या में राम मंदिर बनने पर टिप्पणी करते हुए भी भारतीयों का ध्यान खींचा था। पटेल ने कहा था कि विदेशी मीडिया अयोध्या के 50 सालों की बात कर रही है लेकिन राम मंदिर के 500 साल से भी पुराने इतिहास को भुला दे रही है। काश ने अयोध्या में मंदिर बनाए जाने के आलोचकों को घेरते हुए मंदिर बनाए जाने का समर्थन किया था